शादी का सीजन है और हर कपल की सपना होता है हनीमून. हालांकि कुछ ऐसे भी कपल होते है जिनकी शादी को महीनों बीत जाते हैं लेकिन वे हनीमून ट्रिप प्लान करने में असमर्थ रहते हैं। कारन तो बहुत है, लेकिन जो सबसे कॉमन होता है वह है बजट। कई लोग बजट के कारण हनीमून ट्रिप प्लान नहीं कर पते हैं। ऐसे में हम आपको बताते है ऐसी जगहों के बारे में जहां कम बजट में आप हैप्पी हनीमून के लिए जा सकते हैं। शादी के बाद हनीमून की यादें ही तो होती हैं जो कपल्स को ता जीवन याद रहती हैं। आइये बताते है कुछ ऐसी डेस्टिनेशन के बारे में जहां आप कम बजट में अपने हनीमून के लिए जा सकते हैं।
1) अंडामान- निकोबार
चारों और खूबसूरती से भरी ये जगह आपके हनीमून को यादगार बना देगी। साथ ही भारत में हनीमून के लिए कपल्स के बीच में ये जगह काफी फेमस है। यहां आप खूबसूरत आईलैंड पर अपने पार्टनर के साथ यादगार पलों को बिता सकते हैं। साथ ही खूबसूरत मोमेंट को कैमरे में कैद भी कर सकते हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप के पर्यटन स्थल
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है। 572 छोटे द्वीपों का यह समूह बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है। इस द्वीप का सबसे बड़ा द्वीप निक्बार और सबसे छोटा द्वीप लक्ष्यद्वीप है। इस द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है, यह एक अंडमानी शहर है। यहाँ की दुर्लब वनस्पति, साफ़ स्वच्छ माहौल, मूंगा भित्ति, जीव-जन्तु और शीशे की तरह साफ़ पानी और शांत वातावरण आपको आकर्षित करने के लिए काफी है।
अंडमान-निकोबार के मुख्य पर्यटक स्थल
1. अंडमान का प्रमुख राधानगर बीच
अंडमान के हैवलॉक द्वीप में स्थित, राधानगर बीच को भारत का सबसे अच्छा समुद्र तट माना जाता है। यह बीच हैवलॉक से 12 कि. मी. की दूरी पर है। यह फ़िरोज़ा जल और हरे-भरे जंगल द्वारा रेत का एक प्राचीन तट है। राधानगर बीच को आमतौर पर बीच नंबर 7 भी कहा जाता है |
रंगीन पानी, ताड़ के पेड़ और तट की रेट यात्रियों का यहाँ आकर्षित करती है। तट पर आराम करना या यूँ तट पर चलना आपको एक अद्भुत सुख प्रदान कर सकता है। साथ ही यहाँ से 10 कि.मी. आगे नील का कोव है जों यहाँ की एक ओर प्रसिद्ध और प्रमुख जगह में से एक है। यहाँ अप फोटोग्राफी से लेकर सूर्यास्त के नजारों के आनंद लेने को मिल सकते हैं।
2. अंडमान और निकोबार का फेमस हैवलॉक द्वीप
अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से 12 कि.मी. दूर हैवलॉक द्वीप अपने उष्णकटिबंधीय जंगलों और यहाँ की सफ़ेद रेत के कारण पर्यटकों के बीच एक फेसम स्थल हैं। यहाँ हर साल लोग बड़ी मात्रा में आते हैं और समुद्री तट का आनंद भी उठाते हैं।
घने जगलों से घिरी सड़कों के बीच चलना और साथ में अचानक पानी में कूदना जैसी गतिविधियाँ यहाँ बड़ी फेमस हैं। हैवलॉक द्वीप पर राधानगर बीच, एलिफेंट बीच, काला पत्थर बीच और विजयनगर बीच फेमस है।
इन बीचस पर रेत के समुद्र तट पर शांत और आरामदायक वातावरण में आपको कुछ अच्छे स्नैक्स और ताजे नारियल पानी के साथ कुछ छोटी समुद्र तट की दुकानों भी मिल जाएँगी जहाँ आप एक पिकनिक का आनंद भी उठा सकते हैं।
3. अंडमान निकोबार का प्रमुख बाराटांग द्वीप
अंडमान और निकोबार के मध्य और दक्षिण के बीच फैला, बाराटांग द्वीप 243 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जो पोर्ट ब्लेयर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह विशाल द्वीप अपने मनोरम समुद्री तट, चूना पत्थर की गुफाओं और मैंग्रोव क्रीक के लिए बहुत मशहूर है।
भारत में सबसे आश्चर्यजनक दृश्यों के होने के नाते, यह जगह आपको एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगी जो अपने भौगोलिक और प्राकृतिक सुन्दरता के चलते आपको लुभा सकती है। साथ ही यहाँ आप कई तोतो को भी उड़ते हुए भी देख सकते हैं। आयन दृश्यों को आप जीवन भर के लिए अपने भीतर संजो सकते हैं। यहाँ के अन्य प्रमुख स्थल तोता द्वीप और कीचड़ द्वीप हैं।
4. अंडमान, निकोबार की महत्वपूर्ण सैल्यूलर जेल
अंडमान निकोबार की सैल्युलर जेल या काले पानी की जेल कही जानी वाली यह जगह आज यात्रियों के बीच बड़ी प्रमुख है। सेल्युलर जेल का निर्माण 1896 में प्रारंभ हुआ और 1906 में यह पूरी तरह बनकर तैयार हुई। इसका मुख्य भवन लाल ईंटों से बना है। ये ईंटें बर्मा से लाई गई थीं।
इस जेल में 7 शाखाएँ हैं और बीचोंबीच एक टावर है। इस टावर से ही सभी कैदियों पर नजर रखी जाती थी। ऊपर से देखने पर यह साइकल के पहिए की तरह दिखाई देता है। जेल में कुल 698 कोठरियाँ बनी हुईं हैं जिसकी प्रत्येक कोठरी 15×8 फीट की थी।
आज भी यह जेल भारतीय सैनिकों और स्वतंत्रता सैनानियों को दी गई यातना की कहानी सुनाता है। कितने ही सैनानियों को फाँसी दे दी गई, कितनों को तोप के मुँह बाँध कर उड़ा दिया गया, कितनों को तिल-तिल मारा गया और भूखा रख कर अँधेरी कोठरी में रखा गया। अब यह जगह एक राष्ट्रीय स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया गया है।
5. अंडमान और निकोबार का प्रमुख राष्ट्रिय उद्यान, माउंट हैरियट और मधुबन
माउंट हैरियट अंडमान और निकोबार का प्रमुख राष्ट्रिय उद्यान है। उद्यान की मुख्य विशेषता यहाँ के जीव और प्राकृतिक वनस्पतियाँ हैं, जो विविधतापूर्ण हैं। एक घने जंगल की तरह, माउंट हैरियट हरे भरे पेड़ पौधों से ढका हुआ है और इसकी पर्वत की चोटी से पोर्ट ब्लेयर को साफ देखा जा सकता है।
ट्रेकिंग के लिए घुमावदार पहाड़ी रास्ते होने के साथ फोटोशूट के लिए यह एक आदर्श स्थान हैं। वैसे यह स्थान एक राष्ट्रीय उद्यान न होकर एक आरक्षित क्षेत्र हैं जहाँ सब कुछ सुरक्षित रखने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। यह स्थान पोर्ट ब्लेयर से 15 से 20 मिनट की दूरी पर स्थित है। जहाँ से इस क्षेत्र तक जाना आपके लिए सुविधजनक होता है।
6. अंडमान और निकोबार का राजीव गांधी वॉटर स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स
अंडमान और निकोबार का राजीव गांधी जल खेल परिसर पोर्ट ब्लेयर से 9.8 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। जहाँ से आप कोई भी कार या कैब के द्वारा 20-30 मिनट में कॉम्प्लेक्स तक पहुँच सकते हैं। एक जगह पर कई तरह के वाटर एडवेंचर्स आपको कहीं ओर करने को नहीं मिलेंगे।
यहाँ कराई जाने वाली गतिविधियों में से कुछ हैं- पैडल बोट्स, रोब्बोट्स, वॉटर साइकल, ग्लास-बोट नावें, बम्पर बोट्स, जेट स्कीइंग, पैरासेलिंग, केला बोट राइड्स, स्पीडबोट राइड्स, विंडसुरिंग, आदि एडवेंचरस वाटर स्पोर्ट्स शामिल हैं।
यदि आप भी पानी से जुड़ी एक्टिविटी का शौक रखते हैं तो आपको अंडमान के इस वाटर पार्क ज़रूर जाना चाहिए और यहाँ की हर एक्टिविटी का आनंद उठा कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।
7. अंडमान और निकोबार का महात्मा गांधी मैरिन नेशनल पार्क
अंडमान और निकोबार के वांडूर में महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क पोर्ट ब्लेयर से 29 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस नेशनल पार्क में 2 प्रमुख द्वीप हैं: भूलभुलैया द्वीप और ट्विन द्वीप। यह नेशनल पार्क 17 द्वीपों से बना है जो 281.5 वर्ग कि.मी. में फैला है।
इस क्षेत्र में चलने वाले खुले समुद्री ढलान और साफ, रंगीन पानी आपको मनोरम बनाने के लिए शामिल है। जॉली बुय और रेड स्किन द्वीपों पर पारिस्थितिकी इस पार्क को और सुंदर बनाता है। तमरुगली, मोटी मैंग्रोव वनस्पति, रेत से ढके समुद्र तट, उखाड़ी चट्टानों से ढका है यह द्वीप आपको एक न्य अनुभव देता है।
पार्क के भीतर कछुओं के लिए ट्विन द्वीप एक महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल है। जहाँ आपको अपने सारे उबाऊ जीवन से शान्ति मिल सकती है।
8. अंडमान निकोबार का प्रमुख द्वीप दिगलीपुर
दिगलीपुर अंडमान का प्रमुख द्वीप है जहाँ तक पहुँचने के लिए आप पोर्ट ब्लेयर से नाव या कार के द्वारा यहाँ तक पहुँच सकते हैं। दिगलीपुर द्वीप मुख्य रूप से अपने समुद्र तटों जैसे कालीपुर बीच, रॉस एंड स्मिथ आइलैंड्स, रामनगर बीच और पाथी लेवल बीच के लिए जाना जाता है जहन आप स्नोर्कलिंग, स्कूबा डाइविंग और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों की मेजबानी करता है।
इसके अलावा, डिगलीपुर द्वीप अपनी सबसे बड़ी चोटियों के लिए जान जाता है, जो अपने अद्वितीय वन्य जीवन को देखने के लिए लोगों को रोमांचित करता है। यहाँ आप कछुए के घोंसले को देखने के लिए इसके रामनगर बीच और कालीपुर बीच पर जा सकते हैं।
मई और अक्टूबर के बीच डिगलीपुर पर जाना सबसे उपयुक्त समय है। वर्ष के दौरान यहाँ का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और 31 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
9. अंडमान का प्रमुख चिड़िया टापू
अंडमान निकोबार का चिडिया टापू मुख्य रूप से अपने पक्षियों की विस्तृत श्रृंखला के लिए लोकप्रिय है। देशी और प्रवासी पक्षियों को यहां के आसमान को रंग-बिरंगा करते हुए देखा जा सकता है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो और वन्यजीवों से जुड़े हुए हैं तो यह स्थान आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है।
अंडमान का यह द्वीप घने जंगलों और समुद्र के अद्भुत दृश्यों का खजाना है। लगभग घने हरे रंग के जगलों और नीले समुद्र के पानी के दृश्य आपको अभिभूत कर सकती हैं। साथ ही यहाँ आप वाटर एडवेंचर्स जैसे- स्नोर्केलिंग या स्कूबा डाइविंग और समुद्र के नीचे की समृद्ध दुनिया को देखने का अनुभव कर सकते हैं। इसके आलावा भूलभुलैया की चट्टानों ढूँढना, और राजसी समुद्री कछुओं के साथ तैरना आपको नया अनुभव करा सकता है।
इसके अलावा यहाँ एक जैव उद्यान भी है जहाँ समृद्ध जैव विविधता और अंडमान द्वीप के उष्णकटिबंधीय वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत श्रृंखला को आप देख सकते हैं। इस पार्क का उद्देश्य द्वीप के लिए देशी और लुप्तप्राय प्रजातियों, पौधों और जानवरों की प्रजातियों को सुरक्षित रखना है।
10. अंडमान निकोबार का फेमस रॉस आइलैंड
रॉस द्वीप अंडमान और निक्बार का एक छोटा सा द्वीप है जो पोर्ट ब्लेयर से मात्र 4 कि.मी. की दुरी पर ही स्थित है। इस द्वीप का नाम कैप्टन डैनियल रॉस के नाम पर रखा गया था लेकिन हाल में ही 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका नाम बदलकर “नेताजी शुभ चंद्र बोस द्वीप” रखा गया है।
यहाँ आप 1857 के भारतीय कैदियों की बनाई इमारतों जो अब एक खंडहर के रूप में यहाँ स्थित हैं आप उन्हें देखने का अनुभव रख सकते हैं। पीपल और सीरी की मोटी जड़ वाले पेड़ हैं। मानव निर्मित गुफाएं हैं जो आपका ध्यान आकर्षण करने के लिए पर्याप्त हैं।
11. अंडमान का प्रमुख एंथ्रोपोलॉजिकल म्यूजियम
अंडमान के सबसे अच्छे और सुव्यवस्थित संग्रहालयों में से एक, एंथ्रोपोलॉजिकल संग्रहालय इस द्वीप की जनजातियों के स्थानीय समुदाय के गहन और सूचनात्मक चित्र पर प्रकाश डालता है। पोर्ट ब्लेयर के मध्य बिंदु पर स्थित, यह म्यूजियम अंडमान का यह सबसे अच्छा दर्शनीय स्थल जो आपको एक ऐतिहासिक आनंद देता है।
पर्यटकों को यहाँ पैलियोलिथिक आइलैंडर्स के जीवन का पता लगता है। इस संग्रहालय के प्रमुख रूप से आपको जारवा चेस्ट गार्ड, शैमैनिक मूर्तियाँ और बहुत कुछ देखने को मिलेगा। एंथ्रोपोलॉजिकल म्यूजियम जारवास, ओन्जेस, सेंटिनलिज, शम्पेन्स और निकोबारियों के आदिम युगों पर प्रकाश डालता है। जो दुनिया की सबसे पुरानी जनजातियों में मानी जाती हैं।
12. अंडमान और निकोबार का प्रमुख लाला जी बे बीच
लाला जी बे बीच हैवलॉक द्वीप से कुछ कि.मी. दुरी पर ही स्थित एक सुंदर सा समुद्री तट है। यहाँ का रेट और पास पानी यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत कर देगा। साथ ही यदि यह उन शांत स्थानों में से एक है जहाँ आप अपने शहरी जीवन के उबाऊपन से आजादी पा सकते हैं।
इसके अलावा यहाँ कई तरह की वाटर एक्टिविटी भी होती हैं जिसमें सर्फिंग, स्क्रब डाइविंग फेमस है। जिस कारण यह पर्यटकों के बीच एक प्रमुख स्थान है। आप जब भी अंडमान जाए इस छोटे से समुद्री तट का आनंद ज़रूर लेकर आए।
अंडमान और निकोबार का फेसम खाना
जब आप अंडमान और निकोबार की यात्रा पर निकलते हैं तो यहाँ आपको भारत के सभी राज्य का खान-पान मिल सकता है। यहाँ तक कि चाइनिस फूड भी मिल सकता है। माँसाहारी से शाकाहारी तक सब व्यंजन यहाँ मिल सकते हैं।
अंडमान निकोबार वैसे तो अपने समुद्री भोजन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ मछली, केकड़ा, झींगा, और लोबस्टर जैसे समुद्री व्यंजन आपको मिल सकते हैं। समुद्र के नजदीक होने के कारण आपको ताजा और सस्ता समुद्री भोजन यहाँ उपलब्ध होता है। लेकिन इसके अलावा यूरोपियन, थाई और चीनी व्यंजन का भी आप यहाँ लुत्फ़ उठा सकते हैं।
अंडमान निकोबार के प्रमुख बाजार और चीजे
जब आप अंडमान और निकोबार घूमने जाए तो यहाँ के समुद्री बाजार का लुत्फ़ उठाना न भूले। यहां गन्ने के हस्तशिल्प, लकड़ी से बनाए गए सजावटी सामान, समुद्री शंख, ताड़ से बनी चटाइयाँ, नारियल के छिलके से बने लैम्प-शेड, लाठी, कटोरियाँ, ट्रे, एश-ट्रे और फर्नीचर, तथा मोती से बने सामान आपको मिलेंगे। कच्चे माल से और प्राकृतिक चीजों से बनी ये वस्तुएँ आपको लुभाने के लिए काफी हैं।
यहाँ के प्रमुख बाजार हैं-
पोर्ट ब्लेयर मार्किट- हेट और लकड़ी से बने सामान के लिए
निकोबार का बाजार- मोती की बनी जूलरी और बांस की वस्तुएँ
अबरदीन बाजार- शो पीस से लेकर समुद्री कपड़ों तक
इसके अलावा गोलघर, जंगल घाटी, प्रेमनगर, देलानिपुर आदि जगहें भी खरीदारी के लिहाज से बहुत बढ़िया हैं। जहाँ जाकर आपको एक बार तो सैर कर ही आना चाहिए।
2) केरल
कुदरत ने केरल को बड़ी खूबसूरती से संवारा है। चारों ओर हरियाली से घिरा केरल हनीमून के लिए अच्छी लोकेशन है। हाउस बोट में बैठ कर आस पास में सिर्फ खजूर और नारियल के पेड़ को देखना बेहद ही खूबसूरत पल होता है। अपने पार्टनर के साथ इस खूबसूरत जगह को एक्सप्लोर करना अपने आप में लाजवाब है।
केरल में घुमने योग्य जगह
मुन्नार :
दक्षिण भारत के केरल का सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन मुन्नार है. मुन्नार में तीन नदियाँ कुण्डले, मुद्रपुज्हा एवं नाल्लाथान्नी का मिलन होता है. यह पश्चिमी घाट पर 1524 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहाँ 80 हजार मील के क्षेत्र में हरी चाय के बागान है, जो ऊँची पहाड़ी के ढाल में स्थित है. आप इन बागानों को देख बहुत अच्छा महसूस करेंगें. हरे भरे परिदृश्य, झरने, झील, जंगल और चाय बागान इस जगह को पृथ्वी पर एक स्वर्ग बनाते हैं. यहाँ आप पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसे एडवेंचर का भी मजा ले सकते है.
केरल बेकवाटर्स :
अगर आपने केरल के बेकवाटर्स में क्रुज का मजा नहीं लिया तो आपका केरल ट्रिप अधुरा है. ये बेकवाटर्स केरल की बहुत सी नदी, नहर एवं झील को जोड़ते है. इन क्रूज के द्वारा केरल के बहुत से शहर एवं गाँव का भी भ्रमण कराया जाता है. इन क्रूज को हाउसबोट्स कहते है, ये यहाँ का मुख्य आकर्षण है. ये हाउसबोट्स किसी होटल से कम नहीं होते है, जिनमें सोना खाना पीना, बाथरूम सभी की व्यवस्था होती है. ये हाउसबोट का चुनाव आप अपने बजट के अनुसार कर सकते है, कई तरह की रेंज में होते है. इनमें आप जितने दिन चाहें उतने दिन रह सकते है. ये हाउसबोट आपको प्रकति के बहुत करीब ले जाते है, शहर के शोर शराबे से दूर आप प्रकति का पूरा मजा ले सकते है. इन हाउसबोट में बेडरूम, किचन, डायनिंग रूम सब होता है, आप अपना पर्सनल हाउसबोट बुक कर सकते है, या किसी के साथ शेयर भी कर सकते है. पानी में चलते चलते आप प्रकति में खो जायेंगें.
कुमारकोम :
कुमारकोम, कोट्टायम के पास में स्थित है. यह केरल का एक मुख्य आकर्षण में से एक है. यह 14 एकड़ का पक्षी अभयारण्य है, जहाँ तरह तरह की पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है. यह प्रवासी पक्षीयों का पसंदीदा स्थान है. कुमारकोम भी एक शानदार बेकवाटर की जगह है और इसलिए आप एक नौका विहार की सवारी पर यहाँ जा सकते हैं. यहाँ आयुर्वेदिक स्पा की भी व्यवस्था है. जिसे लेकर लोगों को आत्मिक एवं मानसिक शांति मिलती है. यहाँ वेमबानाद लेक भी है, जिसे देखने लोग आते है. यह केरल का सबसे बड़ा लेक है, साथ ही ये भारत का सबसे लम्बा लेक है. इस लेक पर क्रुज से जाकर आप सूर्योदय या सूर्यास्त का मजा ले सकते है.
चेम्बर पीक :
ये मेप्पदी टाउन के पास स्थित है. यह 6990 फीट ऊंचाई पर स्थित है. यहाँ लोग ट्रेकिंग का मजा लेने के लिए जाते है. उपर ऊंचाई से नजारा देखने लायक होता है. उपर ऊंचाई के दोनों तरह घना जंगल है, जिससे यहाँ का व्यू और सुंदर हो जाता है.
ठेकड्डी :
ठेकड्डी में आप क्रुज के द्वारा वन्य जीवन को करीब से देख सकते है. यहाँ हाथी, टाइगर, हिरन, जंगली भैंसा आदि जानवर देखने को मिलते है. हाथी की सफारी का मजा भी आप यहाँ ले सकते है, जो अपने आप में एक अलग तरह का अनुभव है. बागान और हिल स्टेशन की ये जगह एक सुगम्य सेटिंग प्रदान करती हैं, जिससे तरह तरह की फोटो आप ले सकते है. यहाँ ट्रेकिंग का भी मजा लिया जा सकता है. ठेकड्डी में सबसे मुख्य आकर्षण पेरियार रिवर, मुरिक्कड़ी एवं चेल्लार्कोवली है.
वर्कला बीच :
केरला में बहुत से लोग आयुर्वेद मसाज (स्पा) का मजा लेने के लिए जाते है, यहाँ की आयुर्वेदिक मसाज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इस आयुर्वेदिक मसाज को आप वर्कला बीच में ले सकते है. वर्कला बीच की आयुवेदिक मसाज पूरी दुनिया में जानी जाती है. समुद्र तट और पहाड़ इस जगह को आकर्षक बनाते हैं. यहाँ सूर्यास्त बहुत सुंदर होता है. यहाँ का बीच बहुत साफ़ सुथरा और सुंदर है. यहाँ की अच्छी बात यह है कि यहाँ बहुत अधिक भीड़ नहीं होती है, जिससे आप आराम से रिलैक्स हो सकते है, आपको कोई डिस्टर्ब भी नहीं करेगा. समुद्र तट के सुंदर, शांत वातावरण में आप एक शानदार शाम व्यतीत कर सकते है.
कोवालम :
कोवालम भी केरल की अच्छी जगहों में से एक है. यह त्रिवेन्द्रम से मात्र 16 किलोमीटर दूर है. कोवालम में तीन बीच है – लाइटहाउस बीच, हवाह बीच एवं समुद्र बीच. लाइटहाउस बीच इनमें सबसे बड़ा है.
चोत्तनिक्कारा भगवती मंदिर :
केरल राज्य का यह प्रसिद्ध मंदिर है. यह कोच्चि के बाहरी इलाके में स्थित है. इस मंदिर में मुख्य रूप से 2 देवता वास करते है – राजराजेश्वरी एवं भद्रकाली. यहाँ के लोगों का इन देवी पर अत्याधिक विश्वास है. यह मंदिर यहाँ का मुख्य आकर्षण है, यहाँ जाने से बहुत शांति मिलती है.
केरल कत्थकली सेंटर :
अगर आप केरल की पारंपरिक संस्कृति को करीब से जानना एवं देखना चाहते है तो आपको यहाँ जाना ही चाहिए. केरल कत्थकली सेंटर का निर्माण 1990 में हुआ था, ताकि लोग केरल की शास्त्रीय कला को जान सकें, उससे जुड़ सकें. यहाँ नयी प्रतिभाओं को कठोर प्रशिक्षण एवं अनुशासित ढंग से प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे जीवन में अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें. इस सेंटर में कत्थकली, शास्त्रीय संगीत एवं नाच, कलरीपायट्टु और एक विशेष तरह का मार्शल आर्ट सिखाया जाता है. आप समय निकाल कर यहाँ जा सकते है, और तरह तरह की परफॉरमेंस का मजा ले सकते है. इनका पहनावा, मेकअप देखकर आप भाव विभोर हो जायेंगें.
पूवर आइसलैंड :
यह भी केरल की सुंदर जगहों में से एक है, यहाँ झील, नदी, समुद्र सबकी सुन्दरता देखने को मिलती है. यहाँ भी क्रुज के द्वारा आप प्रकति में विचरण कर सकते है. समुद्र तट पर गोल्डन रेत बीच को सुंदर बना देती है, बेकवाटर में क्रूज का मजा लेना बहुत सुहावना होता है. ऐसा लगता है, प्रकति ये यहाँ कोई जादू कर दिया है. यहाँ पर भी झील में बोटहाउस कॉटेज का मजा लिया जा सकता है, साथ ही झील के किनारे भी कॉटेज बने हुए रहते है, जिसमें भी आप रुक कर प्रकति के मजे ले सकते है. केरल की यह जगह भी आयुर्वेदिक मसाज के लिए फेमस है.
इन सबके अलावा यहाँ थ्रिस्सुर, कोल्लम, आलेपेय, पेरियार एवं वायानद भी केरल के मुख्य टूरिस्ट प्लेस है. केरल की सुन्दरता अद्वितीय है, इसलिए इसे भगवान का प्रदेश कहते है, क्युकी लोगों का मानना है भगवान् ने अपने रहने के लिए इसे बड़े इत्मीनान से, सोच समझ कर इतना सुंदर बनाया है. यहाँ आकर आप एक ताजगी महसूस करेंगें, जो यहाँ से जाने के बाद आपको बहुत याद आएगी.
3) पुडुचेरी
इस जगह पर डॉलफिन डांस को देखना काफी एंटरटेनिंग हो सकता है। साथ ही यहां के खूबसूरत बीच पर अपने पार्टनर के साथ समय बिताना काफी यादगार होगा। पैराडाइज बीच से बोटिंग कर आप एक छोटी खाड़ी तक पहुंच सकते हैं। इस जगह पर सिर्फ नाव से ही जा सकते हैं।
पांडिचेरी के 20 प्रमुख पर्यटन स्थल
पांडिचेरी का प्रमुख दर्शनीय स्थल अरबिंदो आश्रम
पांडिचेरी के व्हाइट टाउन में स्थित अरबिंदो आश्रम एक प्रसिद्ध स्थल है जिसका नाम इसके इसके निर्माता श्री अरबिंदो घोष के नाम पर रखा गया है। बता दें कि इस आश्रम की नींव वर्ष 1926 में 24 नवंबर को रखी गई थी, जब वे राजनीति से सेवानिवृत्त होने के बाद पांडिचेरी में बस गए थे। मिर अल्फसा अरबिंदो के अनुयायियों में से एक था, जिसने इस आश्रम की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1950 में श्री अरबिंदो घोष की मृत्यु के तुरंत इस देखभाल की। बता दें कि उन्हें आश्रम की ‘माँ’ के रूप में जाना जाता था। वर्तमान में, आश्रम में पाँच सौ से अधिक भक्त, पांच सौ छात्र और तेरह सौ रोगी शामिल है।
यह आश्रम लोगों को मोक्ष और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करने के लिए स्थापित किया गया था। अपने मन को शांति प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आश्रम में आते हैं। अगर आप पांडिचेरी की यात्रा करने जा रहें हैं और आध्यात्मिक ज्ञान का अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस आश्रम का दौरा जरुर करना चाहिए।
पांडिचेरी का प्रसिद्ध आकर्षण स्थल प्रोमेनेड बीच
प्रोमेनेड बीच भारत के पुदुचेरी शहर में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो गौबर्ट एवेन्यू पर वॉर मेमोरियल से डुप्लेक्स पार्क तक 1.2 किमी तक फैला हुआ है। प्रोमेनेड बीच एक प्रसिद्ध स्थल है जहां पर अक्सर वॉलीबॉल खेलने वाले लोगों के समूह की काफी भीड़ होती है। इस समुद्र तट पर पर्यटक शाम के समय टहलना, चलना, स्केटिंग, योग और तैराकी जैसे काम कर सकते हैं। यहां प्रोमेनेड बीच आसपास के पास कई आकर्षक स्थल वार मेमोरियल, जोन ऑफ आर्क की प्रतिमा (Statue Of Joan Of Arc), हेरिटेज टाउन हॉल, पुराने लाइटहाउस, महात्मा गांधी की मूर्ति स्थित हैं जहां की यात्रा पर्यटकों को अवश्य करना चाहिए। इस शांत तट पर पर्यटक चट्टानों और बोल्डर को देख सकता है। इसके अलावा बीच पर कई प्रसिद्ध रेस्तरां भी स्थित हैं जो पारंपरिक भोजन की सेवा करता है।
पांडिचेरी पर्यटन में घूमने के लिए अच्छी जगह सेरेनिटी समुद्र तट
सेरेनिटी समुद्र तट कोट्टाकुप्पम में पुदुचेरी के बाहरी इलाके में 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसे अपना नाम स्पा-रिज़ॉर्ट-इन से मिलता है। इस बीच को मूल रूप से इस समुद्र तट को थंथीरयन कुप्पम बीच या सादे कोट्टाकुपम बीच के रूप में जाना जाता है। अगर आप पॉन्डिचेरी की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस सेरेनिटी समुद्र तट की यात्रा कर सकते हैं। यह बीच हनीमून वाले लोगों को बेहद पसंद आता है। अगर आप समुद्र तट पर रेत पर लेटकर शांतिपूर्ण तरीके धूप सेंकना चाहते हैं तो आपके लिए यह बीच स्वर्ग के समान है। चूँकि यह बीच शहर से काफी दूर स्थित है इसलिए यहां पर स्थानीय पर्यटकों की ज्यादा भीड़ नहीं रहती।
पांडिचेरी की फेमस टूरिस्ट प्लेस ऑरोविले
ऑरोविले को एक ‘यूनिवर्सल टाउन’ भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर सभी संस्कृतियों और परंपराओं के दुनिया भर से लोग शांति से रहते हैं। ऑरोविले पांडिचेरी शहर से लगभग 15 किमी दूर तमिलनाडु में स्थित है जिसे 1968 में अरबिंदो की शिष्या मिर्रा अलफासा द्वारा स्थापित किया गया था। इस सार्वभौमिक टाउनशिप का उद्घाटन 28 फरवरी 1968 को इस एजेंडे के साथ किया गया था कि यह एक ऐसा स्थान होगा जहां पर लोग अपनी जाति, सम्प्रदाय, राष्ट्रीयता को भूल कर निर्बाध शिक्षा और प्रगति का केंद्र बनाने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होंगे। आपको बता दें कि वर्तमान में 195 से अधिक देशों के 2,800 से अधिक लोग इस टाउनशिप के आधिकारिक निवासी हैं।
पांडिचेरी में घूमने के लिए ऐतिहासिक स्थल एरीकेमेडु
एरीकेमेडु, फ्रांसीसी औपनिवेशिक पांडिचेरी शहर से आधे घंटे की ड्राइव के भीतर स्थित एक प्राचीन रोमन व्यापार केंद्र और आकर्षक ऐतिहासिक स्थल है। इस बंदरगाह शहर पर 1 शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी तक एक प्रसिद्ध समुद्री केंद्र के रूप में रोम, चोल और फ्रांसीसी लोगों ने कब्जा कर लिया था। अरीकेमेडु के कांच के मनके निर्माण कारखाने को पूरी में सबसे प्रसिद्ध है। अरीकेमेडु में पहली खुदाई 1940 के दशक में शुरू हुई थी और तब से यहां पर लगातार खुदाई चल रही है।
पांडिचेरी का आकर्षण स्थल राज निवास
राज निवास पांडिचेरी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जिसे पहले पालिस डू सरकार के रूप में जाना जाता है। बता दें कि राज निवास अठारहवीं शताब्दी में निर्मित एक इमारत है जो वर्तमान में पांडिचेरी के उपराज्यपाल के निवास के रूप में सेवा कर रही है। यह संरचना आम जनता के लिए खुली नहीं है, लेकिन इसके बाद भी यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है। इस भवन के अंदर एक परिसर के भीतर पुरानी अदालत भी देखी जा सकती है। राज निवास का मुख्य आकर्षण अखंड स्तंभ हैं, जो वर्ष 1751 में गिंगी किले से यहां लाए गए थे। इसके अलावा गिंगी किले के कुछ स्तंभ प्रोमेनेड बीच पर गांधी मंडपम को घेरे हुए हैं।
पांडिचेरी पर्यटन की लोकप्रिय जगह बॉटनिकल गार्डन
बॉटनिकल गार्डन पांडिचेरी का लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है जिसे सी.एस. पेरोटेट द्वारा वर्ष 1862 में स्थापित किया गया था। आपको बता दें कि यह गार्डन कई तरह विदेशी पौधों के साथ के मछली घर है। यहां पर पर्यटक पौधों की विस्तृत श्रृंखला को देख सकते जिन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों और दुनिया भर से एकत्र किया गया है। यह एक्वेरियम एक शानदार जगह है जहां पर विभिन्न प्रकार के जलीय जीवों के साथ कुछ आकर्षक मछलियाँ भी देखी जा सकती हैं। अगर आप पांडिचेरी के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो आपको बॉटनिकल गार्डन को अपनी सूची में अवश्य शामिल करना चाहिए।
पांडिचेरी का प्रसिद्ध मंदिर गोकिलमबल थिरुक्मेश्वर
गोकिलमबल थिरुक्मेश्वर मंदिर पांडिचेरी से 11 किमी की दूरी पर स्थित विलियनुर के छोटे से शहर में स्थित एक बहुत ही सुंदर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। पर्यटक इस मंदिर पर फ्रांसीसी प्रभाव को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। मंदिर में आयोजित होने वाला एक कार महोत्सव (Festival) में स्पष्ट रूप से फ्रांसीसी विरासत के संबंध को दर्शाता है। इस उत्सव में शहर की सड़कों पर भक्तों द्वारा 15 मीटर ऊंचा रथ खींचा जाता है।
पांडिचेरी टूरिज्म में देखने वाली खुबसूरत जगह पांडिचेरी लाइटहाउस
पांडिचेरी में लाइटहाउस एक आकर्षक जगह है जहां पर पर्यटक कई तरह से अद्भुत पक्षियों को देख सकते हैं। बता दें कि यहां पर दो लाइटहाउस-एक पुराना और एक नया है। यहां स्थित पुराने लाइटहाउस को अब सार्वजनिक रूप से बंद कर दिया गया है। समुद्र से आगंतुकों को सही दृष्टि प्रदान करने के लिए फ्रांसीसीयों ने एक लाइटहाउस बनाने की योजना बनाई। इसके बाद मार्च 1836 में ए गुएरे के मार्गदर्शन में पुराने लाइटहाउस का निर्माण किया गया था। कई सालों तक अस्तित्व में रहने के बाद 1979 इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद उसी वर्ष एक अन्य लाइटहाउस का निर्माण किया गया जो पॉन्डिचेरी में सबसे अधिक देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक है। यह लाइटहाउस 157 फुट ऊंचा है, जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगीत कार्यक्रमों और व्यावसायिक गतिविधियों की मेजबानी करता है।
पांडिचेरी में घूमने लायक जगह बेसिलिका ऑफ़ द सेक्रेड हार्ट ऑफ़
यह चर्च पॉन्डिचेरी के सबसे पवित्र और धार्मिक स्थलों में से एक है जो शहर में दक्षिण बुलेवार्ड पर पांडिचेरी बस स्टेशन से 2.5 किमी दूर स्थित है। भारत में 21 बेसिलिका में एक पांडिचेरी में स्थित यह चर्च 1908 में फ्रांसीसी मिशनरियों द्वारा स्थापित किया गया था, जिसे बाद में 2011 में बेसिलिका का दर्जा दिया गया था। अगर आप शहर की यात्रा करने आ रहें हैं तो आपको इस आकर्षक चर्च को देखने के लिए जरुर आना चाहिए। चर्च में नए साल, क्रिसमस और ईस्टर दिवस जैसे अवसरों को बेहद भव्य तरीके से मनाया जाता है।
पांडिचेरी का प्रमुख दर्शनीय स्थल फ्रांसीसी युद्ध स्मारक
फ्रेंच वॉर मेमोरियल गोबर्ट एवेन्यू में स्थित एक आकर्षक संरचना है जिसे उन सैनिको की याद में बनाया गया था जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में अपनी जान गंवा दी थी। आपको बता दें कि यह स्मारक हर साल 14 जुलाई को, एक वार्षिक स्मारक समारोह आयोजित करता है, जिस दौरान इसे बहुत ही खूबसूरती के साथ सजाया जाता है। अगर आप पांडिचेरी की यात्रा करने जा रहें हैं तो इस फ्रांसीसी युद्ध स्मारक को देखने के लिए भी जा सकते हैं।
पांडिचेरी का प्रमुख धार्मिक स्थल श्री मनाकुला विनयगर मंदिर
श्री मनाकुला विनयगर मंदिर पांडिचेरी में स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान गणेश को समर्पित है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे लगभग 5 शताब्दी पहले स्थापित किया गया था। इस मंदिर में ब्रह्मोत्सवम के 18 वें दिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। विनायक चतुर्थी, श्री मनाकुला विनयगर मंदिर का एक प्रमुख त्योहार है जिसे यहां पर बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि एक फ्रांसीसी व्यक्ति ने मंदिर से गणेश की मूर्ति हटाने की कोशिश की थी लेकिन मूर्ति हट जाने के बाद फिर से वहां प्रकट हो जाती थी। मूर्ति की शक्ति से प्रेरित होकर भगवान के भक्त के रूप में बदल गया। अगर आप पांडिचेरी की यात्रा कर रहें हैं तो इस मंदिर के दर्शन करने के लिए सुबह 5:45 बजे से 12:30 बजे और शाम: 4:00 बजे से 9:30 बजे तक जा सकते हैं।
पांडिचेरी का दर्शनीय स्थल चिदंबरम
चिदंबरम पांडिचेरी से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सुंदर मंदिर शहर है जो भगवान नटराज मंदिर और प्रसिद्ध रथ त्योहार के लिए प्रसिद्ध है। चिदंबरम चेन्नई शहर से 250 किलोमीटर दूर स्थित है जिसका धार्मिक महत्व पुरातन काल से है।
बता दें कि इस स्थान पर चोल, पांड्य, विजयनगर शासकों, मराठों और अंग्रेजों समेतकई राजवंशों पर शासन किया। विभिन्न सांस्कृतिक प्रभावों के कारण यह शहर समृद्ध विरासत और परंपराओं का दावा करता है। चिदंबरम अपने कई मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है अगर आप पांडिचेरी की यात्रा के लिए जा रहें हैं तो चिदंबरम में स्थित मंदिरों के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं।
पांडिचेरी पर्यटन में देखने लायक जगह वरदराजा पेरुमल मंदिर
वरदराजा पेरुमल मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो 12 वीं शताब्दी का है, जिसका अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। वरदराजा पेरुमल एक ऐसा मंदिर है जिसकी संरचना हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पांडिचेरी की टूरिस्ट प्लेस यानम बीच पांडिचेरी
यानम बीच उन लोगों के लिए एक आदर्श जगह है जो शहर की भीड़ भाड़ से शांति भरे पल बिताना चाहते हैं। यह एक बहुत ही शानदार बीच है जहां पर्यटक नाव की सवारी, फेरी रोड पर, टहलना और समुद्र तट के शांत नज़ारों को देखना जैसे काम कर सकते हैं।
पांडिचेरी में एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स
पांडिचेरी बीच लवर्स के लिए स्वर्ग के समान है। यहां के आकर्षक समुद्र तट पर्यटकों को अपनी ओर बेहद आकर्षित करते हैं। यहां समुद्र तटों पर लेट कर धूप सेंकना हर किसी को एक शानदार अनुभव देता है। पांडिचेरी के समुद्र तट वॉटर स्पोर्ट्स के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां पर स्कूबा डाइविंग, पैरासेलिंग, केला बोट राइड्स जैसे पानी के खेलों का मजा ले सकते हैं।
अगर आप पांडिचेरी जाने की योजना बना रहें हैं तो बता दें कि यहां की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीनों के दौरान होता है। इस दौरान शहर का तापमान 15 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। यहां पर ग्रीष्मकाल (अप्रैल-जून) काफी गर्म होता है और इस समय तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को छू लेता है। मॉनसून (जुलाई-सितंबर) का मौसम भी यहां की यात्रा के लिए अच्छा समय हैं। हालांकि पांडिचेरी की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। क्योंकि यह शहर हर मौसम में बदल जाता है और कई तरह से त्योहरों का आयोजन करता है जो पर्यटकों को बेहद पसंद आते हैं।
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